आशिकी
Rahul kumar
New Delhi..
8802969607
अरे सुनो .......कुछ हाल सुनाओ उनकी कयामत बाहो का..
सुना है लोग उनकी बाहो मे मरने को तरसते है .....
सुना है उनकी ज़ुलफ़े जब लहराती हैं तो बादल बन बरसती है....
सुना है उनकी हर मुस्कान पे दीवाने जां तक लुटाते है ..
सुना है उनके चलने से ....राहो में दीवानों की महफिल लग जाती है ....
सुना है उनकी पलको के साए में परवाने दिल्लगी का आलाप गाते हैं.. ....
कल तो हद हो गई .......एक जनाजे को जां छू गई ....
उसे मुवक्किल जमाने में ....जीने की वजह मिल गई ....
यार सुनो .....ले चलो हमे भी उनकी गलीओ मे ....
सुना है कोई खाली नहीं लौट ता उनकी महफिल से ....
मारहम्-ए-बफा के लगा दे मुझे भी गर ....
जीने की वजह दिला दे इस जालिम जमाने में ...
सुना है वो आँखो से मय पिलाती है ....
कर दे बेहोश हमे भी साकी ...पीला दे पूरी पैमाने से ..!
खो जाऊ बस तब ख्वाब मे उसके ..यही आस है बस अब खुदाई से .......!
- [ ]