शनिवार, 26 अगस्त 2017

मेरी हर साँस  में तुम हो , हर इक अल्फाज़ में तुम हो ...

मेरी हर साज में तुम हो ..हर इक  सुर ताल में तुम हो ...
तुम्हें जो  गुनगुनाऊ मै हर इक  महफिल मुसायरे में...

मेरी हर आह में तुम हो .. मेरी हर वाह में तुम हो ... rahul@vats


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