सोमवार, 22 मई 2017

इंतज़ार

Rahul kumar,
New Delhi, 8802969607

उन्होने कह दिया..... इंतज़ार करूँगी तुम्हारा....,!
एक उम्र काटी है मैंने उनसे प्यार करते करते....!
आज दूर हू उनसे... लेकिन दिल के बहुत करीब है वो....!!
खो जाता हू कभी कभी इंतज़ार करते करते...!!

यादे बहुत है... साथ बिताए लम्हों के...!
वादे बहुत है.....साथ जीने मरने के ...!
गर हो  मुकद्दर को मंजूर सब वो...!!
मै मयस्सर थम जाऊ इंतज़ार करते करते...!!
rahul@vats&

शुक्रवार, 19 मई 2017

उसे अच्छा नहीं लगता....,! ,

ये खत है उस गुलदान के नाम, जिसका फूल कभी हमारा था.
वो जो अब तुम उसके मुख्तार हो तो सुन लो... उसे अच्छा नहीं लगता...
मेरी जान के हकदार हो तो सुन लो.. उसे अच्छा नहीं लगता..


कि वो जो कभी ज़ुल्फ बिखेड़े तो बिखड़ी ना समझना..
अगर जो माथे पे आ जाए तो बेफिक्री ना समझना...
दरअसल उसे ऐसे ही पसंद है...

उसकी खुली ज़ुलफो मे उसकी आज़ादी बंद है...
खुदा के वास्ते...
जानते हो वो जो हज़ार बार ज़ुलफे ना संवारें तो उसका गुज़ारा नहीं होता...
वैसे दिल बहुत साफ है उसका..... इसका कोई इशारा नहीं होता...
खुदा के वास्ते...
उसे कभी टोक ना देना...
उसकी आज़ादी से उसे रोक ना देना
क्यूकी अब मै नही तुम उसके दिलदार हो तो सुन लो...
उसे अच्छा नहीं लगता.....!!
By:zakir khan...! 

बुधवार, 10 मई 2017

बूढ़ा माली

Rahul kumar
New Delhi, 8802969607


मेरे घर के आँगन में कुछ फूल बिखड़े है.....
यकीन करो.... असली है..... मुरझाए है बस......
साहब..... बूढ़े माली ने इसे सींचने की जहमत बहुत  दिनों से नहीं की ......
करता भी कैसे लोग अपने जिंदगी के सावन और बसंत गिनते है....
इन्होने अपने जिंदगी के सत्तर पतझर गुजारे है....
हां ये जरूर है कि जिंदगी मे आए छोटी बड़ी आँधियों के साथ कुछ फुहार बूँदो के भी जरूर आए....
जो वक्त बेवक्त इन फुलो को सींचते रहे ....
वरना इनके कलियों को फूल बनने से पहले कई बार टूटते देखा है....
इनके सपनों के ताज़महल कई बार बनने से पहले टूटा है ....

आज वसंत आने का एक अन्देसा आया है .....
इस लंबी पतझर के बाद एक प्यारा सा सन्देसा आया है..