बूढ़ा माली
Rahul kumar
New Delhi, 8802969607
मेरे घर के आँगन में कुछ फूल बिखड़े है.....
यकीन करो.... असली है..... मुरझाए है बस......
साहब..... बूढ़े माली ने इसे सींचने की जहमत बहुत दिनों से नहीं की ......
करता भी कैसे लोग अपने जिंदगी के सावन और बसंत गिनते है....
इन्होने अपने जिंदगी के सत्तर पतझर गुजारे है....
हां ये जरूर है कि जिंदगी मे आए छोटी बड़ी आँधियों के साथ कुछ फुहार बूँदो के भी जरूर आए....
जो वक्त बेवक्त इन फुलो को सींचते रहे ....
वरना इनके कलियों को फूल बनने से पहले कई बार टूटते देखा है....
इनके सपनों के ताज़महल कई बार बनने से पहले टूटा है ....
आज वसंत आने का एक अन्देसा आया है .....
इस लंबी पतझर के बाद एक प्यारा सा सन्देसा आया है..
New Delhi, 8802969607
मेरे घर के आँगन में कुछ फूल बिखड़े है.....
यकीन करो.... असली है..... मुरझाए है बस......
साहब..... बूढ़े माली ने इसे सींचने की जहमत बहुत दिनों से नहीं की ......
करता भी कैसे लोग अपने जिंदगी के सावन और बसंत गिनते है....
इन्होने अपने जिंदगी के सत्तर पतझर गुजारे है....
हां ये जरूर है कि जिंदगी मे आए छोटी बड़ी आँधियों के साथ कुछ फुहार बूँदो के भी जरूर आए....
जो वक्त बेवक्त इन फुलो को सींचते रहे ....
वरना इनके कलियों को फूल बनने से पहले कई बार टूटते देखा है....
इनके सपनों के ताज़महल कई बार बनने से पहले टूटा है ....
आज वसंत आने का एक अन्देसा आया है .....
इस लंबी पतझर के बाद एक प्यारा सा सन्देसा आया है..

1 टिप्पणियाँ:
मेरे खयाल.... मेरे अल्फाज़... पापा के नाम....!!!
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